कब और कैसे हुई नववर्ष मनाने की शुरुआत |
ऐसा माना जाता है कि नव वर्ष आज से लगभग 4,000 वर्ष पहले बेबीलीन नामक स्थान से मनाना शुरू हुआ था.एक जनवरी को मनाया जाने वाला नया वर्ष ग्रेगोरियन कैलेंडर पर आधारित है.इसकी शुरुआत रोमन कैलेंडर से हुई.
इस कैलेंडर की शुरूआत 15 अक्टूबर 1582 में हुई. इस कैलेंडर की शुरूआत ईसाइयों ने की थी. इस पारंपरिक रोमन कैलेंडर का नया वर्ष 1 मार्च से शुरू होता है. ग्रिगोरियन कैलेंडर आने से पहले रूस का जूलियन कैलेंडर था. इसमें केवल 10 महीने ही थे,
1 january New Year Kyu Manaya Jata Hai |
लेकिन रोमन के प्रसिद्ध सम्राट जूलियस सीजर ने 46 वर्ष ईसा पूर्व में इस कैलेंडर में परिवर्तन किया था.इसमें उन्होंने जुलाई का महीना और इसके बाद अपने भतीजे के नाम पर अगस्त का महीना जोड़ दिया.
अमेरिका के नेपल्स के फिजीशियन एलॉयसिस लिलिअस ने नया कैलेंडर पेश किया . इस कैलेंडर में 1 जनवरी को पहला दिन था. तभी से यह कैलेंडर पूरी दुनिया में प्रचलित हो गया. और दुनियाभर में तब से लेकर आज तक नया साल 1 जनवरी को मनाया जाता है.
जश्न मनाने के अनोखे तरीके |
विश्वभर में नया साल अनोखे ढंग से मनाया जाता है. इसे मनाने की हर देश की अपनी एक अलग परंपरा है जिसके पीछे कुछ प्रतीक भी हैं. आओ, जानते हैं कि कुछ देश अपनी परंपरा के अनुसार नए साल का उत्सव कैसे मनाते हैं-
दक्षिण अफ्रीका महाद्वीप:- दक्षिणी अमेरिका के देशों में नए साल के दिन लोबिया के साबुत बीज और शलगम की पत्तियां खाने की प्रथा है. शलगम की पत्तियां रुपए का प्रतीक और लोबिया के बीज पैसों के प्रतीक माने जाते हैं.
स्पेन:- स्पेन में नए वर्ष की रात को 12 बजे के बाद ताजे अंगूर खाने की परंपरा है. उनके अनुसार ऐसा करने से वे सालभर स्वस्थ रहते हैं.
चीन:- चीन में 1 महीने पहले से ही नए साल की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. लोग अपने घरों में साफ-सफाई कर रंग-रोगन करवाते हैं. यहां नए वर्ष पर लाल रंग को बहुत शुभ माना जाता है इसलिए लोग इस दिन लाल रंग की ड्रेस पहनते हैं.
आस्ट्रेलिया:- आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर के हार्बर में लोग पटाखे व आतिशबाजियां चला कर नए साल का जश्न मनाते हैं। ऐसे में रंग-बिरंगी आतिशबाजियों से पूरा आसमान बेहद ही खूबसूरत दिखाई देता है। साथ ही वे इस सुंदर नजारे का लाइव टीवी द्वारा प्रदर्शन भी करते हैं।
नीदरलैंड:- यहां पर नए साल को बुरी आत्माओं को भगाने का दिन मानते है। ऐसे में लोग सुबह के 10 बजे इक्ट्ठे होकर बड़ी ही खुशी व धूम से पार्टी करते हैं। साथ ही इस पार्टी को सुबह से लेकर पूरे दिन मनाया जाता है। उनका मानना है कि इस दिन जिन लोगों पर बुरी शक्तियों का साया होता है। वह जल्द ही दूर हो जाता है।
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